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Mar 2, 2024

जानलेवा ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित उज्बेक( UZBEK) के बच्चे को पारस हॉस्पीटल गुड़गांव में मिली नई जिंदगी

जानलेवा ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित उज्बेक( UZBEK) के बच्चे को पारस हॉस्पीटल गुड़गांव में मिली नई जिंदगी
  • जर्मनी और रूस के अस्पताल छोड़ने के बाद डडली ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित चार वर्षीय उज्बेक के बच्चे ने भारत का दौरा किया
  • इंटेसिव डबल सर्जरी को देखते हुए, जिसमें पूर्ण परिशुद्धता की आवश्यकता थी, डॉ वी.एस. मेहता और उनकी टीम ने डबल साइडेंड ट्यूमर को हटा दिया

गुड़गांव, 25 जनवरी, 2014: पिछले साल अप्रैल के महीने में, चार वर्षीय अरनला खचातुर्यन अपने किंडरगार्डन क्लास में दायें हिस्से में पैरालायसिस से ग्रस्त हाकर बेहोश हो गया था। ताशकंद के डॉक्टरों ने ब्रेन ट्यूमर का पता लगाया था। अपनी छोटी बेटी के लिए बेहतर उपचार की तलाश में, माता-पिता रूस और जर्मनी में डॉक्टरों से मिले थे लेकिन उपचार के लिए भारत आने से पहले वे निश्चित समाधान प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो पाए थे। भारत में, उन्होंने कई निजी अस्पताल का दौरा किया और उन्हें कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी सहित विभिन्न उपचारों की सलाह दी गई थी लेकिन वे सर्जरी की राय के खिलाफ थे। माता-पिता, भारत के एक निजी अस्पताल को रेडियोथेरेपी करवाने के लिए चुनते हैं। हालांकि, रेडियोथेरेपी के बाद भी बच्चे की स्थिति जस की तस रही।

अपनी बेटी के लिए एक निश्चित उपचार की तलाश में, उन्होंने पारस अस्पताल, गुड़गांव से डॉ (प्रो) वी एस मेहता और उनकी टीम से मुलाकात की जहां उन्हें सर्जरी की सलाह दी गई और कई चर्चाओं और परामर्श के बाद, माता-पिता सर्जरी के लिए सहमत हुए।

डॉ (प्रो) वी.एस. मेहता बतते हैं ‘‘यह एक दुर्लभ मामला था, मस्तिष्क स्टेम ग्लाइओमैंड को स्थिति के नाजुक विश्लेषण की आवश्यकता थी। निदान के बाद, बच्चे के मस्तिष्क के स्टेम में 2 अलग ट्यूमर थे। हमने निष्कर्ष निकाला कि डबल सर्जरी ही एकमात्र विकल्प था। हमने शुरू में दाहिनी ओर ट्यूमर को हटा दिया और तीन महीने बाद, मस्तिष्क स्टेम के बाईं ओर स्थित ट्यूमर को हटाने के लिए अरनाला का दोबरा ओपरेशन करना पड़ा। यह मामला क्रिटिकल था और भारत में ज्यादा नहीं किया गया है। ट्यूमर की बायोप्सी भी बच्चे के अनुकूल थी और एक अच्छा दीर्घकालिक पूर्वानुमान होने की संभावना  थी। ‘‘

मस्तिष्क तंत्रिका (ब्रेन स्टेम) मस्तिष्क का पीछे वाला हिस्सा है, जो आस-पास और संरचनात्मक रूप से रीढ़ की हड्डी के साथ निरंतर जुड़ा है। हालांकि यह छोटा है लेकिन, मस्तिष्क का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह मस्तिष्क और शेष शरीर के बीच संदेशों के प्रवाह को नियंत्रित करता है, और यह बेसिक शरीर के कार्यों को नियंत्रित करता हैजैसे कि श्वास, निगलने, हृदय गति, रक्तचाप, चेतना (कांशियसनेस), और कोई जगा है या सोया है । चूंकि शरीर में जाने वाली सभी तंत्रिकाएं इस छोटी सी संरचना के माध्यम से पोजीशन करती हैं और मिलीमीटर जैसी छोटी सी चोट की वजह से भी बड़ी न्यूरोलॉजिकल समस्या उत्पन्न हो सकती है।

मस्तिष्क तंत्रिका (ब्रेन स्टेम)  ग्लियोमा, मस्तिष्क तंत्र का एक कैंसर है। लगभग 75% बच्चों और युवा वयस्कों में बीस वर्ष की आयु में डायग्नोस किया जाता है, लेकिन ओल्डर एडल्ट्स को भी प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। यह ट्यूमर दुनिया के अधिकांश न्यूरोसर्जन द्वारा ऑपरेट नहीं किया जाता है और मस्तिष्क के स्टेम के चयनित मामलों पर केवल चयनित न्यूरोसर्जन ही इसे ऑपरेट करते हैं। डॉ मेहता दुनिया के उन्हीं न्यूरोसर्जन में से एक हैं, जिनके पास ब्रेन स्टेम को ऑपरेट करने का एक विशाल अनुभव है।

गुणवत्ता उपचार प्रदान करने के लिए भारत विश्व स्तर पर मशहूर हो रहा है, और एक बार फिर, भारत में डॉक्टरों ने खुशी से महाद्वीपों में से आए एक और माता-पिता की खोज को पूरा किया है।