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Mar 2, 2024

पारस में 110 किलो वजनी महिला के दायें कूल्हे का प्रत्यारोपण

पारस में 110 किलो वजनी महिला के दायें कूल्हे का प्रत्यारोपण
  • हड्डी रोग विभाग के सर्जन डाॅ. दिलषाद अनवर ने ढाई घंटे जटिल आॅपरेषन कर बदला कूल्हा
  • पारस, दरभंगा में पहली बार कूल्हे का प्रत्यारोपण, बीपी व डायबिटीज से पीड़ित थी 65 वर्षीय महिला

दरभंगा, 14 फरवारी 2018। पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा ने चलने-फिरने से लाचार 65 वर्षीया महिला तरुण देवी को दायें कूल्हे का प्रत्यारोपण कर राहत दिला दी। हाॅस्पिटल के हड्डी रोग विभाग के सर्जन डाॅ. दिलशाद अनवर ने 110 किलोग्राम वजन की इस महिला का ढाई घंटे तक जटिल आॅपरेशन कर कूल्हा बदला। अब वह वाॅकर के सहारे चल रही है तथा कुछ दिन बाद बिना किसी सहायता के चलेंगी। इस तरह की सर्जरी पारस हाॅस्पिटल में आसानी व सफल तरीके से हो जाती है।

डाॅ. अनवर ने कहा कि तरुण देवी ब्लड प्रेशर आॅर डायबिटीज की मरीज भी है, इसलिए बड़ी सावधानी से आॅपरेशन करना पड़ा। उनके दाहिने कूल्हे में रूमेट्याॅड, आर्थराइटिस थी और कई जगह हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था। साथ ही उनके दोनों घुटने का आकार भी बिगड़ने लगा था। उन्हें मोडुलर वाइपोलर नामक अत्याधुनिक इंप्लांट लगाया गया तथा कूल्हा अमेरिका की कंपनी का लगाया गया है। उन्होंने कहा कि चूंकि पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल में अत्याधुनिक नये-नये उपकरण तथा आॅपरेशन के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं, इसलिए इस तरह की उन्नत सर्जरी करने में कोई परेशानी नहीं होती है। यहां की व्यवस्था में किसी तरह का आॅपरेशन संभव है। उन्होंने कहा कि अभी बायां कूल्हा ठीक है, जरूरत पड़ने पर आगे इसे भी बदला जा सकता है। मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। तरुण देवी और उनके पुत्र ने पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल को धन्यवाद देते हुए बताया कि डाॅ. अनवर ने आॅपरेशन कर हमें नयी जिंदगी दे दी है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं कभी ठीक से चल पाऊगी लेकिन पारस ने मेरे इस भ्रम को तोड़ दिया।