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Press Coverage

Mar 2, 2024

25 वर्षीय महिला का हुआ असामान्य ऑटोइम्म्यून हेपेटाइटिस का सफल इलाज पारस हॉस्पिटल पटना में

25 वर्षीय महिला का हुआ असामान्य ऑटोइम्म्यून हेपेटाइटिस का सफल इलाज पारस हॉस्पिटल पटना में

25 वर्षीय स्नेह कुमारी का किया पारस हॉस्पिटल पटना के  वरिष्ठ लिवर स्पेशलिस्ट एवम हेपेटोलॉजिस्ट डॉ राजीव रंजन ने सफल इलाज, किया ऑटोइम्म्यून हेपेटाइटिस नमक जटिल बीमारी की डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट I ऑटोइम्म्यून हेपेटाइटिस एक ऐसी असामान्य बीमारी है जिसका कारण अभी तक विशेषज्ञों को पूर्ण रूप से पता नहीं चला है I इस जटिल रोग के लक्षण अक्सर किसी और रोग में  की तरह दिखते हैं और पेशेंट का  गलत निदान हो जाता है I स्नेह पारस हॉस्पिटल एक दम बेहोशी की हालत में आई थीI जांच पर यह भी पता चला की उनको गंभीर यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन है जो की उनके बाकि के अंगों को  प्रभावित कर रही है I टेस्ट्स के अनुसार उनको सेप्टिक शॉक, मल्टी ऑर्गन डिसफंक्शन , तीक्ष्ण गुर्दे की बीमारी, तीव्र फेफड़े की बीमारी भी है I

डॉ राजीव रंजन ऑटोइम्म्यून हेपेटाइटिस से ग्रसित 25 वर्षीय स्नेह कुमारी के साथ

डॉ राजीव रंजन , वरिष्ठ लिवर स्पेशलिस्ट एवम हेपेटोलॉजिस्ट के अनुसार, हमने स्नेह की  लिवर  की बॉयोप्सी करवाई और  हमारा शक सही साबित हुआ I ऑटोइम्म्यून हेपेटाइटिस एक ऐसी विचित्र बीमारी है जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके अपने लिवर को टारगेट करने लगती है I ऑटोइम्म्यून हेपेटाइटिस दो प्रकार के होते हैं जिनमें से टाइप १ ज़्यादा सामान्य है I यह जटिलता महिलाओं में, उन पेशेंट्स में जिनको कोई पहला ऑटोइम्म्यून डिसऑर्डर हो या किसी ऑटोइम्म्यून डिसऑर्डर का पारिवारिक इतिहास हो, उनमें ज़्यादा होने की सम्भावना है I”

डॉ राजीव रंजन यह भी बताते हैं की, “ऑटोइम्म्यून हेपेटाइटिस का सबसे ज़रूरी पहलु है जल्द डिटेक्शन और सही इलाज I सही समय पर इलाज ना मिलने पर पेट में सूजन, फ्लूइड और लिवर फेलियर भी हो सकता है I सही इलाज पेशेंट को तुरंत इम्म्यूनोसप्रेस्सेंट ड्रग्स देना और सख़्त निगरानी में रखना है I ऐसी बिमारियों का इलाज वरिष्ठ और बड़े सेंटर्स में ही हो सकता है जिनके पास डायग्नोसिस के लिए सही उपकरण और प्रणाली हो I पारस हॉस्पिटल पटना में  लिवर और हेपेटोलॉजि का विशेष रूप की इलाज प्रणाली है I यहाँ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का इलाज किया जाता है I”

स्नेह को दो हफ्ते तक हॉस्पिटल में रखा गया जहाँ उनके लक्षणों की जांच, इलाज का परिणाम और आहार का विशेष ध्यान रखा गया I दो हफ्ते बाद उनकी स्वास्थ्य में सुधार आया और वह बेहतर महसूस करने लगी I आज डिस्चार्ज के 6 महीने बाद वह स्वस्थ हैं I स्नेह के अनुसार, “मेरे घर वालों ने जब पूरी उम्मीद खो दी थी तब पारस में डॉ राजीव रंजन ने उनको आश्वासन दिया I किसी ने सच ही कहा है की मुसीबत में जो साथ दे और सही रास्ता दिखाए वह फरिश्ता होता है I डॉ राजीव रंजन हमारे लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं I”